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कह दो पुकार कर सुन ले दुनिया सारी ,हम हिन्द तनय है हिन्दी मातु हमारी..

Sunday, September 21, 2008

इ कवियों का आनलाइन कवि सम्मलेन में स्वागत है

  • स्काइप पर डायल करे +99008275211534 सहायता के लिए यहाँ देखिये http://onlinemeet.blogspot.com/
  • स्काइप में समस्या होने पर ekavita1 इस I.D. को याहू मैसेंजर में जोड़ ले तथा वायस कान्फ्रेसिंग द्वारा याहू मैसेंजर के द्वारा जुड़ जाए
  • एक अन्य माध्यम वायस हेतु प्रयोग के लिए प्रस्तावित हैं (मुख्या समस्या यह है Skypecast की सुविधा september se बंद हो चुकी है इस लिए यह एक अन्य विकल्प के रूप में सामने है जिसमे २५० लोग आपस में जुड़ सकते है तथा किसी तरह के डाउनलोड की भी जरूरत नही है
    अपने पाप
    अप ब्लाकर को अवश्य डिसेबल कर ले क्योकी वायस बॉक्स पाप अप के रूप में खुलता है थोडा सा लोडिंग टाइम है फ़िर आप आसानी से बात कर सकते है

Sunday, November 11, 2007

फिर हुई वाह वाह खूब खूब

  • मशहुर गीत एवम गजलकार कुंवर बैचैन जी ,अमेरिका से पधारे राकेश खन्डेलवाल जी कनाडा से भाइ समीरलाल जी दिल्ली स्थित सुनिता चोटिआ जी के घर उपस्थित अन्य 50 से भी अधिक चिठठाकार भाइयो के साथ अमेरिका से अनूप भाइ , शारजाह से पूर्णिमा जी , युग़ांडा से भावना कुंवर जी ,न्युज़ीलैड से रोहित हैप्पी जी , इग्लैड से ललित जी सहित 25 से अधीक लोगो ने आनलाइन इस कार्यक्रम का आनन्द लिया तथा वैब्कैम पर सीधा प्रसारण भी देखा
    " हिन्दी भाषियो ,कवियो,रचनाकारो , चिठ्ठाकारो का एक आभाषी ही परंतु एक बहुत प्यारा समूह नैट पर तैयार हो रहा है जहा पर प्रेम है,रिश्ते है,भावनाए है यह इ सम्मेलन इस दुनिया को थोडा और वास्तविक बनाने की कोशिश मात्र् है "
    कल के कार्यक्रम का प्रसारण स्काइप से करने की भी व्यवस्था की गइ थी परंतु एन मौके पर स्काइप द्वारा सरवर मैंटैनैंस कार्य होने से स्काइप पर प्रसारण सम्भव नही हुआ वरना और अधीक आनन्द आता परंतु याहू मैसेंजर से ज़ुड कर 20 से भी अधीक लोगो ने इस कार्यक्रम का आनन्द लिया गया शीघ्र ही इस कार्यक्रम की वीडियो ,तथा आडियो क्लिप्स इस ब्लाग पर पोस्ट कर दी जाएगी जिससे बाकी लोग जो इस मे भाग लेने से किसी तकनीक वजह से या जानकारी न मिल पाने से सम्मिलित नही हो सके इस का मजा उठा सके
    आगामी कार्यक्रमो के लिये पहले से रजिस्टर हो ले : और हा भविष्य मे यदि आप भी इस तरह के प्रसारणो का हिस्सा बनना चाहते है तो अपना इमेल esammelan@gmail.com पर रजिस्टर करा ले (यह इ मेल पूर्णत: स्पैम फ्री है हमे आपकी प्राइवेसी का पूरा सम्मान है )
    क्या है इ सम्मेलन : इ प्रसारण (वैबकास्टिंग) आडियो तथा वीडियो कास्टिंग् का ही एक रूप है जिसमे हम नैट पर उपलब्ध फ्री टूल्स स्काइपी,याहू,तथा पालटाल्क का उपयोग लेते है तथा वीडीयो हेतु वैब कैम का प्रयोग करते है .परंतु पूर्वानुभव न होने की वजह से कइ लोगो को इस के उपयोग मे परेशानी होना स्वाभाविक है इस समस्या को ध्यान मे रख कर यथा शीघ्र वीडियो टयुटोरिअल्स ब्लाग पर उपलब्ध किये जाएगे तथा कोशिश की जाएगी की समय समय पर आपको आनलाइन देश विदेश मे स्थित हिन्दी कवियो ,साहित्यकारो की रचनाओ का आनन्द मिल सके तथा आप भी उनसे प्रत्यक्ष सम्वाद कर सके .

    सुझाव तथा प्रतिक्रियाए अवश्य दे

    शुभकामनाऑ सहित

Saturday, November 10, 2007

समीर जी राकेश जी के आगमन पर सुनिता जी के यहा कवि सम्मेलन

काव्य गोष्ठि मे अपने घर से ही शामिल होँ ।
अगर आप के पास हैड फोन ,स्पीकर ,माइक इत्यादी है और साथ एक अच्छा इंटरनेट का कनेक्शन तो आप भी घर बैठे इ कवि या इ श्रोत्ता के रुप मी जुड़ सकते है
  • कैसे ? जानने के लिए यहाँ क्लिक करे
  • अपना रजिस्ट्रेशन esammelan@gmail पर अवश्य करा
  • अगर कोइ सवाल हो तो +919301377980 पर पूछ ले
  • इ श्रोता के रूप मे 12-नवम्बर दोप.400-800
  • इ कवि के रूप मे 500 - 600 शाम भाग ले सकते है.

आने वाली 12 तारिक को सुनिता जी ने अपने यहा कवि चिठ्ठाकारो के लिये जायकेदार् चाय ,शानदार भोजन और उससे भी जोरदार काव्य ग़ोष्ठी का आयोजन किया है पर दूरियो की वजह से कइ लोग नही आ पा रहे है अगर आप भी इस मे शामिल होना चहते है तो निराश न हो यदि इंटरनेट हमे करीब लाया है तो फिर इंटरनेट ही हमे इस का रास्ता देगा बस आपको चाहिये एक अच्छा सा इंटरनेट कनेक्शन 115 ( कम से कम ) एक अच्छा सा माइक स्पीकर (हैड्फोन हो तो और भी अच्छा )
पहले भी हुआ आनलाइन सम्मेलन 16 जून को विश्व हिन्दी सम्मेलन की पूर्वसन्ध्या पर अशोक चक्रधर जी के नेत्रत्व मे एक कवि सम्मेलन आयोजित किया था जिसकी एक छोटी सी रिकार्डिंग दाये हाथ पर अशोक जी की तस्वीर के नीचे है जिसमे आप साउंड क्लीरेयटी चैक कर सकते है ।

इतने सारे चिठ्ठाकार एक साथ पहले कभी नहीँ साथ मे कुंवर बैचैन जी भी सुनिता जी के ब्लाग मे देख कर जाना की आने वाले 31 से भी अधीक कवि है समीर लाल जी है राकेश खंडेलवाल जी है ,संजय गुलाटी जी है , जगदीश व्योम साहब है , पुराणिक जी है , और सुनने मे आया है की कुंवर बैचैन जी भी शायद आने वाले है देखे
http://shanoospoem.blogspot.com एक से बडकर कवि और वो भी सब आज के इंटरनेट के चिठठाकार तो फिर एक बार फिर सम्भावनाए बनती है की इनको आनलाइन सुनने का मौका मिल सके और साथ ही इनके साथ काव्य पाठ का भी आनन्द लिया जाए तो लिजिये फिर से एक आनलाइन कवि सम्मेलन हाजिर है । वैसे भी एक यही तो माध्यम है जो हमारे हिन्दी प्रेमियो को जोडता है,इस बहाने हम एक दुसरे से दुनिया भर मे फैले हुए हमारे हिन्दी प्रेमियो के भी हाल ले लेते है और हिन्दी के भी.
अपने आप को इस सम्मेलन हेतु पहले से रजिस्टर कर लेवे जो भी इंटर्नेट के माध्यम से ज़ुडना चाहते है इस कवि सम्मेलन मे वो अपना रजिस्ट्रेशन
esammelan@gmail.com पर 12 नवम्बर दोपहर 12 बजे तक अवश्य करवा लेवे ज्वाइन करने के लिये स्काइप डाउंलोड कर लेवे गल्फ़ के हमारे साथी याहू से भी ज़ुड सकते है पर सबसे निवेदन है की स्काइप से ही ज़ुडॆ आवाज और लम्बे समय तक तारतम्य के लिये
तकनीक जानकारी :
जुडना कैसे है इसकी सम्पूर्ण जानकारी
http://onlinemeet.blogspot.com/ से ले लिजिये
टेलिफोनिक सहयोग : और कोइ सवाल हो या कोइ समस्या आती है तो +919301377980 पर मुझे फोन कर के पूछ ले
विडियो से भी जुड सकते है यदि आपके पास वेब्कैम है तो विडियो से भी ज़ुडॅने का अवसर है पर अधीक्तम 32 लोग ही ज़ुड सकेंगे वीडीयो से . आडियो मे कोइ प्रतिबन्ध नही है जितने चाहे सुन सकते है बोलेगा कौन कौन वो तो सुनिता जी और साथी ही निश्चित करेंगे

Friday, September 14, 2007

हिन्दी दिवस की कोटि कोटि शुभकामनाए



कह दो पुकार कर सुनले दुनिया सारी

हम हिन्द तनय हैं हिन्दी मातु हमारी

भाषा हम सब की एक मात्र हिन्दी हैं

शुभ,सत्व और गण की खान ये हिन्दी है

भारत की तो बस प्राण ये हिन्दी हैं

हिन्दी जिस पर निर्भर हैं उन्नति सारी

हम हिन्द तनय हैं..................................

गांधी जी इस मंदिर के हुए पुजारी

हम हिन्द तनय हैं..................................

भारत ने अब इसके पद को पह्चाना

अपनी भाषा बस अब इसको ही माना

इसका महत्व अब सब प्रांतो ने जाना

दक्षिण भारत ,पंजाब ,राजपुताना

सब मिल कर गाते गीत यही शुभकारी

हम हिन्द तनय हैं..................................

सदियो से हमने भेदभाव त्यागे हैं

नवयुग का संदेश पुनः जागे है

फ़िर आयी हे जगत हमारी बारी

हम हिन्द तनय हैं..................................

यह कविता मनोरंजन भारती द्वारा लिखी गयी थी तथा १९३४ मे लाहौर से खरी बात नामक अखबार मे प्रकाशित की गयी थी उपेरोक्त रेकार्डिंग आनलाईन कवि सम्मेलन के समापन के अवसर पर अशोक जी द्वारा सुनाई गयी थी

डाउनलोड रेकार्डिग




२ घंटे का संपूर्ण कवि सम्मेलन अतिशीघ्र प्रस्तुत किया जाएगा यदि आप भी भविष्य मे आयोजित होने वाले इन कवि सम्मेलनो मे भाग लेना चाहते है तो hindi_seekho@yahoo.com पर इमेल कर अपना इमेल अड्रेस पंजीक्रत करवा लिजिये